उत्तर प्रदेश जल निगम की धांधली किसी बड़े घोटाले की दस्तक तो नहीं है …..

उत्तर प्रदेश की पिछली सरकार में हुई धांधली को लेकर सुप्रीमकोर्ट में दायर हुई रिट के चलते प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की नई याचिका को 25 मार्च को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है. जिस के चलते सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है. जिसमें उन्होंने सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह या तो सुप्रीम कोर्ट या फिर एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आय से अधिक संपत्ति मामले की रिपोर्ट पेश करे. एक जनहित याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और मुलायम के एक अन्य बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह आरोपों की जांच करे और यह पता लगाए कि समाजवादी पार्टी के नेताओं की आय से अधिक संपत्ति के संदर्भ में लगाए गए आरोप ‘सही है या नहीं.

एक अन्य रिट में यह भी दायर किया गया जा रहा है की पिछली सरकार और वर्तमान सरकार में उत्तर प्रदेश जल निगम के अधिकारियो और ठेकेदारों के द्वारा सरकारी मानको के साथ किये गये खिलवाड़ और जनता के साथ हुए धोखे की भी सी बी आई जांच कराई जाए और सम्बंधित अधिकारियो, ठेकेदारों और अन्य जिन्होंने सम्बंधित विभाग का काम ठीक तरह से नहीं किया सभी की जांच कराई जाए याचिका में सम्बंधित कार्य से जुड़ी हुई धाँधली के दस्तावेज की कापी भी संलग्न होने की बात भी बताई जा रही है, याचिकाकर्ता ने यह भी बताया की जल निगम के अधिकारियो ने अन्य राज्यों में भी अपनी संपत्ति का अर्जन कर रखा है, कुछ के बच्चे विदेशों के महगे कालेजो में पढ रहे है, साथ ही सम्बंधित ठेकेदारो ने धांधली कर अधिकारियो के साथ मिली भगत से बड़ी काली कमाई की है, याचिका करता ने बताया कि उत्तरप्रदेश जलनिगम में बड़े स्तर पर हुये भ्रष्टाचार का भंडा फोड़ जल्द होगा, स्रोतो से यह भी जानकारी हुई है कि पिछले कई महिनों से याचिकाकर्ता ने बहुत से सबूतो को इक्कठा किया है जो कि जांच एजेंसीयो के लिए मददगार साबित होगे, स्रोतो से यह भी पता चला है कि दोषियों पर पद के दुरुपयोग और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाही होगी,

इसी क्रम में पिछेले महीनों में जांच एजेंसीयो और आयकर विभाग ने कई जगह छापेमारी कर बड़ी सफलताये हासिल की है,

You may have missed