बड़ी खबर : दुनिया में 400 करोड़ लोग पानी से दूर, इनमें एक चौथाई भारत में……………….

इस साल होली के अगले दिन ही विश्व जल दिवस मनाया गया  है। जहां बिन पानी के होली मनाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है वहीं देश का करीब 50 फीसदी हिस्सा सूखे की चपेट में आने वाला है।  उधर देश का 50% हिस्सा सूखे की चपेट में है। दुनिया में 400 करोड़ लोग पानी की तंगी झेल रहे हैं, इनमें 100 करोड़ तो भारत में ही हैं।

एक नए अध्ययन के मुताबिक, मांग और पूर्ति के असंतुलन के चलते  वर्ष 202५ में भारत पानी की भारी किल्लत से जूझेगा। माना जा रहा है कि वाटर सेक्टर अगले कुछ वर्षों में विदेशी निवेश के जरिए करीब 13 अरब डॉलर का निवेश होगा।

पानी के क्षेत्र की अग्रणी सलाहकार कंपनी ईए वाटर की ओर से कराए गए अध्ययन के मुताबिक, ‘परिवारों की आय तथा सेवा और औद्योगिक क्षेत्र के योगदान में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप औद्योगिक और घरेलू क्षेत्र में पानी की मांग में बेतहाशा वृद्धि होगी।’

देश के 91 जलाशयों में पानी कुल क्षमता का 25 प्रतिशत ही बचा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च को 91 प्रमुख जलाशयों में सिर्फ 39.651 अरब क्यूबिक मीटर पानी था। यह मात्रा पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी कम है। जलाशयों में मौजूद पानी की यह मात्रा पिछले दस साल के औसत से भी 25 फीसदी कम है।  केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पानी की कमी का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कई जिले, तमिलनाडु पर होगा।