उत्तराखंड और हरियाणा के तस्कर मिल कर फैल रहे हैं देश में नशाखोरी की जड़ें…..

शांत से दिखने  वाले उत्तराखंड में भी नशाखोरी की जड़ें फैलती जा रही हैं। उत्तराखंड  पुलिस ने एक साल के भीतर सात करोड़ की नशे की सामग्री बरामद की। यह आंकड़ा अब तक पकड़े गए नशे के किसी भी साल से ज्यादा है। इस दौरान 934 मुकदमे और 980 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जबकि अंडर ग्राउंड कारोबार फैला रहे गिरोह पुलिस की नजर से दूर हैं। नशे के बड़े माफिया अभी तक पुलिस की पहुच से बहुत दूर है सूत्रों से पता चला है के उत्तराखंड और हरियाणा के तस्कर मिल कर  इस कारोबार को उत्तराखंड से अन्य प्रदेशों में फैला रहे है

इस दौरान पुलिस ने भी कार्रवाई कर 13 जिलों में एक साल के भीतर विभिन्न नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए 980 लोगों पर 934 मुकदमे दर्ज किए गए। इस दौरान प्रदेश से कम और दूसरे राज्यों से नाता रखने वालों की संख्या ज्यादा पाई गई। बॉर्डर से लगे शहरों एवं तीन बड़े जिले देहरादून, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार में नशाखोरी में सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई। जबकि सीमांत जनपद उत्तरकाशी, चंपावत, अल्मोड़ा और नैनीताल में चल रहे नशे के कारोबार ने भी पुलिस की चिंता बढ़ाई।

पुलिस सूत्रों की मानें तो नशे के इस धंधे में सौदागार से लेकर खरीदारों में युवाओं की संख्या 70 फीसद थी। इसमें भी स्कूल, कॉलेज और प्राइवेट संस्थानों में डिग्री, डिप्लोमा लेने वाले युवा शामिल बताए गए। पूरे साल चले अभियान के दौरान पुलिस ने 974 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जबकि 99 अभी भी फरार चल रहे हैं। बरामद नशे की सामग्री से साफ है कि प्रदेश में चरस, स्मैक, डोडा, भांग और अफीम के बाद नशीली दवाओं का सबसे ज्यादा कारोबार है।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि नशाखोरी के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पहली बार एंटी ड्रग स्क्वॉड बनने से इसका लाभ मिला है। नशाखोरी के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। छोटे सौदागर के बाद अब बड़े गिरोह को रडार पर लिया जाएगा। ताकि नशे को जड़मुक्त किया जाए।

 

नशे के कारोबार में उत्तराखंडटॉप टेन जनपद

 

देहरादून- तीन करोड, 39 लाख 17 हजार

ऊधमसिंहनगर- एक करोड़ 48 लाख छह हजार

हरिद्वार-  64 लाख 9 हजार

चंपावत-  49 लाख छह हजार

नैनीताल-  21 लाख 76 हजार

अल्मोड़ा-  17 लाख 26 हजार

उत्तरकाशी- 17 लाख 24 हजार

पिथौरागढ़- 11 लाख 75 हजार

बागेश्वर-  11 लाख 28 हजार

टिहरी-   नौ लाख 29 हजार