‘कॉमेडी से बेहतर कुछ नहीं!’ यह कहना है पवन सिंह का जो एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ में निभा रहे हैं जफर अली मिर्जा का किरदार

जब आप दिल खोलकर हंसना चाहते हों और अंदर से अच्छा महसूस करना चाहते हों तो उसके लिए कॉमेडी से बेहतर कुछ नहीं होता है। अपने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने और गुदगुदाने का वादा पूरा करने के लिए एण्डटीवी लेकर आया है हल्की फुल्की सिचुएशनल कॉमेडी वाला नया शो ‘और भई क्या चल रहा है?‘ स्थानीय कलाकारों ने इस शो में एक अलग ही तड़का लगाया है जो दर्शको को काफी पसंद आ रहा है। शो में पवन सिंह, जफर अली मिर्जा का किरदार निभा रहे हैं जो एक टी स्टॉल का मालिक है। उन्होंने अपने किरदार के बारे में बात की और बताया कि यह शो कैसे सबसे अलग है।

1. शो की खासियत क्या है?
इस शो ‘और भई क्या चल रहा है?‘ में लखनऊ शहर की वास्तविकता को काफी सुंदरता के साथ दिखाया गया है। शो में लखनऊ शहर को केंद्र में रखा गया है और इसकी कहानी को बेहद स्पष्ट तरीके से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया है। यह एक प्रयास है जिससे लखनऊ की मोहल्ला संस्कृति आपके लिविंग रूम तक आएगी। इस शो को देखकर लखनऊ वाले भी यही महसूस करेंगे कि यह कहानी उनके पड़ोस की है। इस शो में सांस्कृतिक बारीकियों पर पूरा ध्यान रखा गया है ताकि कहानी सच्ची लगे और दर्शक इससे दिल से जुड़ाव महसूस करें। शो का हर किरदार अपनी अलग खासियत रखता है और यही उसे सबसे अलग बनाती है। हमने काफी रिसर्च के बाद इस बेहतरीन शो को बनाया है, ताकि दर्शक इसे देखते हुए खुश महसूस करें। इस शो में दिखाई गई हवेली भी असली है, इसके लिए किसी सेट का उपयोग नहीं किया गया है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि यह शो इतना खास और अनोखा क्यों है। इसमें कुछ भी बनावटी नहीं है, हमने इसे मेहनत और प्यार से दर्शकों के भरपूर मनोरंजन के लिए बनाया है।

2. क्या आपको गॉसिप करना पसंद है और सेट पर आपको इसकी जानकारी कौन देता है?
गॉसिप करना किसे अच्छा नहीं लगता है (हंसते हुए)। मैं गॉसिपिंग का हिस्सा नहीं बनता लेकिन कुछ नई और मजेदार बातों को सुनने में कोई नुकसान नहीं है। ‘और भई क्या चल रहा है शो में पारो नाम का एक किरदार है जिसके पास सबकी खबर रहती है और वो इसके लिए मशहूर भी होती है। असलियत में सेट पर कोई गॉसिप नहीं करता लेकिन अगर कोई खबर आती है तो वो जंगल की आग की तरह फैलती है। आंखों के इशारे और बंद दरवाजों के पीछे जाकर होती है चुगली।

3. आपका तकिया कलाम क्या है?
लोगों का ध्यान खींचने के लिए हम सभी का एक तकिया कलाम होता है। यह रोजमर्रा की जिंदगी में हमारी बोलचाल का हिस्सा भी बन जाता है और इसी से बात भी शुरू होती है। मेरे कई तकिया कलाम हैं, लेकिन मैं सबसे ज्यादा ‘अरे भई और बताओ‘ और ‘शुरू हो जाओ‘ बोलता हूं!

4. आपकी पसंदीदा शैली क्या है?
हंसना आता है और रोना भी, कॉमेडी से बेहतर कुछ नहीं! अभिनय और किरदार की कई शैलियों में से मुझे कॉमेडी सबसे ज्यादा पसंद है और यह कभी भी मुझे निराश नहीं करती है। यह मुझे जीवंत और तनावमुक्त रखती है। इससे मुझे आजादी और जीवन में ब्रेक का अनुभव भी मिलता है। कॉमेडी की यह खासियत है यह किसी को उदास नहीं करती है।

5. क्या आपको असल जिंदगी में कभी किसी और के साथ अपना घर शेयर करना पड़ा है? अगर कभी ऐसा हो तो आप क्या करेंगे?
मेरी खुशकिस्मती है अब तक जिंदगी में ऐसी नौबत नहीं आई कि मुझे अपना घर कभी किसी के साथ बांटना पड़ा हो। लेकिन एक ऐसा वक्त भी था, जब मुझे मुंबई के एक हॉस्टल में कुछ लड़कों के साथ मिलकर एक कमरे में रहना पड़ा था। वैसे तो लड़के सफाई से नहीं रहते हैं पर मैं ऐसा नहीं हूं। मुझे साफ-सफाई बहुत पसंद है पर मेरे साथ रहने वाले लड़के ऐसे नहीं थे। यह स्थिति इसलिए भी अजीब थी क्योंकि मैं एक साल उनके साथ था लेकिन दूरी का सम्मान रखते हुए हम दूसरे का साथ एंजॉय करते थे।

6. अपनी पत्नी और उनके साथ अपने रिश्ते के बारे में बताइए। हुक्म किसका चलता है?
मेरी पत्नी का नाम डिंपल कलशन है। हमारे रिश्ते का सफर दिल्ली में मंडी हाउस के दिनों से जारी है। हम दोनों साथ में पढ़ते थे और एक दूसरे से प्यार करते थे। हमारी शादी को पांच साल हो चुके हैं पर मैं उनके कब्जे में पहले से ही था। वो मेरी बेस्ट फ्रेंड हैं और हमारी शादीशुदा जिंदगी के अधिकांश दिन दोस्तों की तरह बीतते हैं। हम दोनों काफी मस्तीखोर हैं। हम दोनों को ही लगता है कि शादीशुदा जिंदगी को बेहतर ढंग से चलाने के लिए मस्ती बहुत जरूरी है। अब रही बात कि सिक्का किसका चलता है तो भला ये भी कोई सवाल हुआ! इसमें कोई शक नहीं कि घर की मालकिन मेरी पत्नी है। वो बिना थके पत्नी, गृहणी और शिक्षिका की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। मैं उनका और उनकी मेहनत का सम्मान करता हूं। मुझे उनके साथ काम करना पसंद है। हम एक टीम की तरह काम करते हैं ताकि जिंदगी की इस रेस को जीत सकें।

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