पर्यावरण की सेहत सुधारने पर्यावरण मंत्री और एक दर्जन अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव बनाएंगे रणनीति

भोपाल
प्रदेश के पर्यावरण की सेहत सुधारने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने पर्यावरण मंत्री और एक दर्जन अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों को रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है।  पर्यावरण विभाग ने इसके लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद का गठन किया है।
मंत्री, अफसरों की यह विशेष टीम प्रदेश के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनो के संरक्षण हेतु नवीन परियोजनाओं के निर्माण हेतु रणनीतिक सुझाव देगी। राज्य सरकार का मार्गदर्शन करेगी, परामर्श देगी और नवाचारों को प्रोत्साहित करने की नीति तैयार कराएगी।

राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद में पर्यावरण मंत्री अध्यक्ष होंगे। पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इसके उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को के महानिदेशक, वन, स्वास्थ्य, जलसंसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि, उच्च शिक्षा, नगरीय विकास एवं आवास, स्कूल शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, योजना आर्थिक और सांख्यिकी विभग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव इस परिषद के सदस्य होंगे। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा केन्द्रीय सरकार के पर्यावरण मामले देखने वाले अधिवक्ता ओम शंकन श्रीवास्तव, शिव गंगा अभियान झाबुआ के महेश शर्मा, सेवानिवृत्त पीसीसीएफ रमेश दवे, पीएआईआरवीआई के डायरेक्टर  अजय के झा, सेंटर फार रुरल डेवलपमेंट एंड टैक्नालॉजी आईआईटी दिल्ली के डॉ विवेक कुमार, सेंटर फार पॉलिसी स्टडी के डायरेक्टर डॉ जेके बजाज भी इस परिषद के सदस्य होंगे। एप्को के कार्यपालन संचालक इसके सदस्य सचिव होंगे।

यह करेगी कमेटी
पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं प्राकृतिक संपदा के संवहनीय उपयोग से संबंधित किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा भी यह समिति करेगी। विभिन्न विभागों द्वारा  पर्यावरण से संबंधित सतत विकास लक्ष्य एसडीजी और टार्गेट के संबंध में किये जा रहे कार्यो की समीक्षा भी यह पूरी टीम करेगी। इस राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद की बैठक साल में कम से कम एक बार होगी और समय-समय पर होंने वाली बैठकों का संचालन, पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को द्वारा किया जाएगा।