पाक का ‘नापाक प्लान’, सीमा पार से घुसपैठ और ड्रोन से हथियारों की डिलीवरी

नई दिल्ली 
जम्मू-कश्मीर में गैर मुस्लिमों-कश्मीरियों को आतंकवादी लगातार निशाना बना रहे हैं। शनिवार को कश्मीर घाटी में तकफीरी आतंकवादियों द्वारा एक मुस्लिम सहित दो गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाना उसी पाकिस्तानी साजिश का हिस्सा है, जिसमें वह लगातार हिंसा फैलाकर घाटी को अशांत करना चाहता है, ताकि सामान्य स्थिति का वातावरण बिगड़ जाए। पाक चाहता है कि हिंसा के स्तर को बढ़ाकर घाटी के शांत माहौल को बिगाड़ा जाए ताकि केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो। दरअसल, तकफ़ीरी उन इस्लामी आतंकवादी समूहों, विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जिन्हें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने मुस्लिम भाइयों को निशाना बनाने में कोई गुरेज नहीं है।  

नेशनल सिक्योरिटी प्लानर्स और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, गैर-कश्मीरियों के खिलाफ हालिया हिंसा पुंछ-राजौरी सेक्टर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से घुसपैठ का परिणाम है। दूसरा कारण घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को चीनी स्टार पिस्तौल की ड्रोन डिलीवरी में बढ़ोतरी है, जिसके कारण ही श्रीनगर में लक्षित हत्याएं (टारगेट किलिंग) हो रही हैं।

जम्मू और कश्मीर में अभी आतंकी कार्रवाई का फोकस कृष्णाघाटी सेक्टर में है, जहां भारतीय सेना ने राजौरी-पुंछ जिले की सीमाओं पर जंगलों में पहले से ही घुसपैठ कर चुके लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में सात कर्मियों को खो दिया है। कहा जाता है कि यह घुसपैठ अगस्त 2021 के अंत में हुई थी। टेरर एक्शन का दूसरा रंगमंच घाटी है, जहां हाल ही में हासिल की गई पिस्तौल के साथ ओजीडब्ल्यू आतंकवादी क्षेत्र में आतंक फैलाने और पर्यटन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के लिए गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं। 
 
जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बलों के पास एंटी ड्रोन सिस्टम की कार्यप्रणाली में कमी की वजह से सीमा पार से ड्रोन फ्लाइट्स से पिस्तौल की कई खेप घाटी में पहुंची है। सेंसर और बाड़ के साथ एलओसी और भीतरी इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने के बावजूद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को घाटी में घुसपैठ करने से रोकने के लिए अभी भी कोई फुलप्रूफ तंत्र नहीं है। ड्रोन के माध्यम से हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति ने सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों के लिए कोई मानवीय कीमत नहीं है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में पहले दौर के टारगेट किलिंग के बाद पिछले एक सप्ताह में 11 आतंकवादियों को मार गिराया है। घाटी में आतंकी घटना को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों पोर्ट ब्लेयर से शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से बात की थी और दोषियों को सजा दिलाने के निर्देश दिए थे।