आयुर्वेदिक टिप्स जिससे बूस्ट होगा इम्युनिटी सिस्टम

कोरोना की फिर से वापसी ने न केवल लोगों को भयभीत कर दिया है। बल्कि सेहतमंद रहना कितना ज्यादा जरूरी है यह भी समझा दिया है। ऐसे में एक बार फिर से लोग अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की ओर कदम बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि हमारे शरीर में एक प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो न केवल हमें खतरनाक वायरस से बचाकर रखती है। बल्कि किसी वायरस से संक्रमित होने पर उससे लड़ने में भी मदद करती है।

यूं को प्रतिरक्षा प्रणाली को केवल एक दिन में ही मजबूत नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ खास खाद्य सामग्री या पेय पदार्थ के जरिए इम्युनिटी को बल दिया जा सकता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ उपायों के बारे में बताएंगे जिसकी पैरवी आयुर्वेद करता है। आयुर्वेद के मुताबिक कुछ साधारण से उपाय अपनाकर इम्यूनिटी को बेहतर किया जा सकता है। आइए जानते हैं इन्हीं कुछ उपायों के बारे में।

​गोल्डन मिल्क का करें सेवन

गोल्डन मिल्क या हल्दी वाला दूध। इसका सेवन आपने जरूर किसी चोट के दौरान किया होगा। हम सभी जानते हैं कि हल्दी के अंदर ऐसे गुण होते हैं जो घाव को जल्दी भरने का काम करती है। इसके अलावा आपको बता दें कि हल्दी वाले दूध के जरिए नींद भी बेहतर होती है और यह इम्यूनिटी को भी बल देती है। अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध का सेवन करते हैं तो इससे आपकी थकान भी कम होती है और गले में होने वाली खुजली से भी छुटकारा मिल जाता है।

यही नहीं शरीर में प्रवेश कर चुके वायरस को भी यह मारने का काम करता है। इसके अलावा हल्दी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सूजन को भी कम करते हैं और मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह लाभ पाने के लिए आपको केवल रोजाना 150 एमएल दूध में आधा इंच हल्दी को उबालकर पीना है।

​नियमित प्राणायाम

सर्दी, फ्लू और कोविड जैसी महामारी हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। ऐसे में फेफड़ों की देखभाल करने के लिए और इनकी क्षमता बढ़ाने के लिए हम योग का सहारा ले सकते हैं। इसमें आप प्राणायाम, कपालभाति, या भस्त्रिका प्राणायाम कर सकते हैं। ज्ञात हो कि यह दो सांस लेने से जुड़े योग हैं जो, यह हमारे फेफड़ों को साफ करते हैं और रेस्पिरेटरी सिस्टम को बेहतर करने का काम करते हैं। इसके अलावा अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है या अन्य रेस्पिरेटरी प्राब्लम है तो आप नाड़ी शोधन को भी आजमा सकते हैं।

​गरम पानी के साथ च्यवनप्राश

सर्दियों के दौरान खुद को बीमारियों और मौसम की मार से बचाने के लिए च्यवनप्राश एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। वहीं कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए इम्यूनिटी को बेहतर करने के लिए भी च्यवनप्राश का सेवन किया जा सकता है।

आपको बता दें कि च्यवनप्राश के अंदर कई तरह जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। यह जड़ी बूटियों आपको बाहरी संक्रमण से बचाकर रखती हैं। ऐसे में आप रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो गर्म पानी के अंदर च्यवनप्राश डालकर सेवन कर सकते हैं। आप दिन में दो से तीन बार इस तरह च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं।

​नस्य थेरेपी

नस्य थेरेपी एक ऐसा तरीका है जिसमें व्यक्ति अपनी नाक में कुछ बूंद, घी, नारियल तेल, या तिल के तेल को डालना होता है। इस उपाय के जरिए नाक में प्रवेश करने वाले वायरस और खतरनाक बैक्टीरिया को रोका जा सकता है। आपको बता दें कि आयुर्वेद लंबे समय से बंद नाक को खोलने के लिए, इस उपाय को अपनाने की सलाह देता आ रहा है। इस उपाय को आप या तो घर से बाहर निकलने से पहले अपना सकते हैं या फिर नहाने से कुछ मिनट पहले भी नस्य थेरेपी ले सकते हैं। इसके लिए आपको केवल दो बुंद तेल या घी की नाक में डालनी है और कुछ मिनट लेटना है।

​हर्बल टी

अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं तो अपनी नियमित चाय की जगह हर्बल चाय का चुनाव करें। आपको बता दें कि हर्बल टी के अंदर कई तरह की जड़ी बूटियां और मसालों का उपयोग किया जाता है। हर्बल टी के अंदर एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह आपको न केवल सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। बल्कि आपको कोल्ड और फ्लू से राहत दिला सकती है। हर्बल टी बनाने के लिए आप घर में मौजूद कुछ सामग्रियों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे तुलसी, लौंग, अदरक, दालचीनी आदि। आप दिन में दो हर्बल टी पी सकते हैं और इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर हो सकती है।