टिकट देकर, पक्का घर बनाकर… वेलफेयर प्लान से SC वोटर्स को लुभा रही BJP

लखनऊ
भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधानसभा चुनावों में वेलफेयर प्लान्स के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि अनुसूचित जाति के लोगों को आवास, शौचालय और हेल्थकेयर जैसी मुफ्त या रियायती सुविधाएं देने वाली सरकारी योजनाओं से चुनाव में लाभ होगा। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव में ऐसा देखने को मिला था। हाल के चुनावों में पार्टी ऐसे लाभार्थियों को अपने मतदाता के तौर पर तब्दील करने में सफल भी रही है, जो जाति की बाध्यता के आधार पर वोट करने से आगे बढ़े हैं।

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का मतदाता आधार लगभग 20% है। बीजेपी के आउटरीच को उन लाभों को दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है,जो सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं से मिले हैं। राज्य में गैर-यादव ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) वोट बैंक में सेंधमारी करने के बाद भाजपा ने अनुसूचित जाति पर ध्यान केंद्रित किया है, जो परंपरागत रूप से बहुजन समाज पार्टी के साथ रहे हैं।

'राजनीतिक प्रतिनिधित्व-पक्का घर-कैश ट्रांसफर कारगर रहा'
पीर्टी के सीनियर कार्यकर्ता ने बताया, "भाजपा परंपरागत रूप से बहुजन समाज की पसंद नहीं रही है। सालों तक RSS ने सामाजिक समरस्ता कार्यक्रम चलाए, जिसमें अलग-अलग श्मशान, मंदिर और वाटर सोर्स को खत्म करने पर जोर दिया गया। लेकिन इनसे जमीन पर यह विभाजन को नहीं मिट सका। राजनीतिक प्रतिनिधित्व, पक्का घर और कैश ट्रांसफर अधिक प्रभावी रहा है। हमें विश्वास है कि हम बहुजन समाज में अपनी पकड़ बना लेंगे।"