नूपुर शर्मा के समर्थन में अब नागपुर में युवक की पोस्ट पर मिल रहीं धमकियां, सदमे में परिवार; पुलिस तैनात

अमरावती
उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर कन्हैया लाल की आतंकियों द्वारा बर्बर हत्या और अमरावती में भी ऐसे ही कत्ल के बीच नागपुर में एक परिवार के डर के मारे शहर छोड़ने का मामला सामने आया है। एक 22 वर्षीय युवक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फॉरवर्ड कर दी थी, जिसके बाद उसे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा धमकी दी जा रही थी। इस पर पुलिस ने तुरंत ऐक्शन लिया और उस पर किसी भी हमले को रोकने का काम किया। युवक ने पोस्ट को तत्काल डिलीट कर दिया था और उसके बाद परिवार की ओर से भी कई बार माफी मांगी गई थी।

इसके बाद भी बात नहीं बनी और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनके बेटे की तस्वीर क्रॉस के साथ शेयर की थी। यही नहीं उन्हें लगातार अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही थी। इस पर परिवार डर गया और उसने इलाके को ही छोड़ने का फैसला लिया। दो सप्ताह तक परिवार बाहर रहा और फिर लौटा भी तो बेटे को कहीं और ही छोड़ दिया। कारोबारी फैमिली इतनी डरी हुई है कि घर के सदस्य जरूरी काम से ही निकल रहे हैं और तुरंत घर आने की कोशिश रहती है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले युवक ने कहा, 'हमारी मूवमेंट बंद हो गई है। जब एकदम जरूरी होता है, तभी हम घर से बाहर निकलते हैं।' यही नहीं उन्होंने कहा कि उदयपुर और अमरावती की घटना के बाद से तो हम बहुत डरे हुए हैं।  

परिवार में डर के बारे में बताते हुए युवक के भाई ने कहा, 'शुरुआत में तो हमने छोटे भाई का फोन ले लिया था। लेकिन अब हम उसे वापस शहर में नहीं बुला पा रहे हैं।' इस बीच पुलिस कोई भी चांस नहीं लेना चाहती है और उनके घर पर सुरक्षा दी गई है। इसके अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने परिवार के साथ अपने नंबर शेयर किए हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में कॉल करने को कहा है।

अमरावती केस को लूटपाट नहीं माना, नवनीत राणा के आरोप पर बोलीं कमिश्नर
गौरतलब है कि उदयपुर में बीते महीने कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी और आतंकवादियों ने वीडियो भी शेयर किया था। इसके बाद अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे के मर्डर की घटना में भी नूपुर शर्मा ऐंगल सामने आया है। इस केस की जांच भी एनआईए ही कर रही है। अमरावती की पुलिस कमिश्नर आरती सिंह ने कहा कि हम इस मामले की विस्तार से जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में पकड़े गए डॉ. युसूफ ने ही मेसेज को फॉरवर्ड किया था। इसके साथ ही उन्होंने सांसद नवनीत राणा के सवालों पर भी ऐतराज जताया है और कहा कि हमने कभी इसे लूटपाट का केस नहीं माना।