इंदौर से अमरनाथ के लिए रवाना हुए 700 से अधिक श्रद्धालु

इंदौर
 इंदौर के रेलवे स्टेशन से रविवार सुबह 700 से अधिक यात्रियों का जत्था अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुआ। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। रेलवे स्टेशन श्रद्धालुओं के जयघोष से गूंज उठा। अमरनाथ गुफा के पास हुए हादसे के बाद भी इंदौर के श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था।

ओम जटाशंकर पारमार्थिक सेवा समिति के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने बताया कि जत्था बाबा अमरनाथ के दर्शन 14 व 15 जुलाई को करेगा। इसके बाद विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन के बाद इंदौर वापसी 25 जुलाई को होगी। शर्मा ने बताया कि 15 दिन की यात्रा में श्रद्धालु अमरनाथ, वैष्णो देवी और बैजनाथ के दर्शन करेगा। अगर अमरनाथ दर्शन में किसी प्रकार की परेशानी आती है तो जत्था पहलगाम से वापस लौट आएगा। कोरोना में दो साल तक यात्रा बंद रहने के बाद इस बार श्रद्धालुओं में इसे लेकर दोगुना उत्साह है। उधर, अमरनाथ की यात्रा पर इंदौर से गया पहला जत्था लौट आया है। रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया। शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि इंदौर से गए पहले जत्थे में 250 श्रद्धालु शामिल थे। बाबा अमरनाथ, वैष्णो देवी के दर्शन के बाद जत्था इंदौर लौटा है।

तिलक नगर में सजा आठ दिनी मूल संस्कृत विधान

इंदौर। अष्टाह्निका पर्व में आठ दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल में मूल संस्कृत विधान पहली बार तिलक नगर जैन मंदिर में सजाया गया। संयोजक मनोज छाबड़ा और राकेश मोदी ने बताया कि यह विधान सभी विधानों का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ विधान है क्योंकि इसमें शांति विधान, 64 रिद्धि विधान, पंच परमेष्ठी विधान, कर्म दहन विधान तथा सहस्रनाम विधान का समावेश है। बाल ब्रह्मचारिणी अनिता दीदी के अनुसार किसी भी अनुष्ठान की सफलता के लिए तंत्र-मंत्र और यंत्र का मन वचन और काया से अवलंबन आवश्यक होता है। अष्टाह्निका के समापन पर 14 जुलाई को विश्व शांति महायज्ञ और श्रीजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी।