प्रमोशन देने सरकार ने बुलाई प्रदेशभर से जानकारी, रेवेन्यू करेगा नायब को प्रमोट

भोपाल
राजस्व विभाग की रीढ़ माने जाने वाले तहसीलदारों को पदोन्नति देने के संबंध में जीएडी द्वारा मांगी गई जानकारी के बाद प्रदेश भर के तहसीलदारों में नई जिम्मेदारी मिलने की आस जगी है। सरकार ने अगर मौजूदा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए जो रणनीति अपनाई है, उसे लागू किया गया तो जीएडी द्वारा प्रदेश भर में करीब ढाई सौ तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर का प्रभार दिया जा सकता है। तहसीलदारों के प्रमोट होते ही राजस्व निरीक्षकों और नायब तहसीलदारों को भी प्रमोट किया जाएगा।

राजस्व विभाग द्वारा तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर का प्रभार दिए जाने के जीएडी के पत्र के बाद दो दिन पहले प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू अभिलेख को पत्र लिखकर तहसीलदारों की पांच साल की सीआर मांगी गई है। वर्ष 2017 से 2022 तक की सीआर और वरीयता सूची मिलने के बाद जीएडी को यह सूची राजस्व विभाग भेजेगा। बताया जाता है कि प्रदेश में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के लिए 436 पद स्वीकृत हैं।

वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर के 236 से अधिक पद रिक्त हैं। इन पर जैसे ही जीएडी तहसीलदारों को प्रभार देने का काम करेगा, वैसे ही राजस्व विभाग में रिक्त होने वाले इन पदों को भरने का काम राजस्व विभाग शुरू करेगा। इसके लिए नायब तहसीलदार को तहसीलदार और राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा विभागीय परीक्षा के जरिये भी नायब तहसीलदार के 62 पद भरने की कार्यवाही की जानी है जिसके लिए राजस्व निरीक्षक, पटवारी और लिपिक पात्रता के दायरे में आएंगे।

बताया जाता है कि नायब तहसीलदार के 1234 स्वीकृत पदों में वर्तमान समय में 751 नायब तहसीलदार हैं जबकि 483 नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं। वहीं 194 नायब पदोन्नत किए जाने हैं। तहसीलदार के 606 पद स्वीकृति हैं जबकि 265 वर्तमान समय में तहसीलदार कार्यरत हैं। ऐसे मे तहसीलदार के 341 रिक्त पदों में पदोन्नति लंबित हैं।

सोशल मीडिया में तहसीलदारों का विरोध भी
राजस्व विभाग द्वारा तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार का प्रभार दिए जाने का पत्र जारी होने के बाद तहसीलदार संघ खफा है और सोशल मीडिया पर इसकी भड़ास भी अफसर निकाल रहे हैं। इन अफसरों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि विभाग ने नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है और पत्र में तहसीलदारों को उच्च पद का प्रभार देने से रिक्त होने वाले पदों पर नायब तहसीलदारों को पदोन्नत करने का उल्लेख नहीं किया गया है। अफसर इसलिए भी नाराज हैं कि सरकार ने छह साल तक लटकाने के बाद इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है।