प्रदेश में सार्वजनिक 31 उपक्रम निष्क्रिय, 4009 करोड़ का घाटा, कैग ने जताई नाराजगी

भोपाल
प्रदेश में सत्तर सार्वजनिक उपक्रमों में से 31 उपक्रम निष्क्रिय पड़े है और चौदह उपक्रम 4009 करोड़ के घाटे में चल रहे है। इनमें सर्वाधिक नुकसान मध्यक्षेत्र, पूर्व और पश्चिम विद्युत वितरण कंपनियों ने पहुंचाया है। इसको लेकर महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने भारी नाराजगी जाहिर की है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के चौदह उपक्रमों में से कुल नुकसान 4009 करोड़ में से बिजली वितरण कंपनियों ने सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है।

वर्ष 20-21 में 70 में से 60 कंपनियों निगमों के लेखे ही विभिन्न कारणों से पूरे नहीं हो पाए। प्रदेश के साठ सार्वजनिक उपक्रमों में से 60 उपक्रमों के 229 लेखे महानियंत्रक को समय पर नहीं भेजे गए। जो 31 उपक्रम निष्क्रिय थे उनमें  सोलह उपक्रम ऐसे थे जिनके नवीनतम लेखे उपलब्ध थे लेकिन वे निष्क्रिय थे। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के दस उपक्रम ऐसे थे जो तीन से 31 वर्षों तक निष्क्रिय रहे। पांच उपक्रम ऐसे थे जिनके प्रथम लेखे भी प्राप्त नहंी हुए  इसलिए उनकी समीक्षा नहीं की जा सकी। दादा धुनीवाले खंडवा पॉवर लिमिटेड का नवंबर 2020 में विघटन हो गया और मध्यप्रदेश राज्य सेतु निगम का लोक निर्माण विभाग में विलय हो गया।

ये दोनों लेखा परीक्षा से बाहर हो गए। वहीं सागर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड महानियंत्रक के दायरे में आई। निष्क्रिय पड़े सार्वजनिक उपक्रमों और घाटे वाले उपक्रमों को लेकर महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने नाराजगी जाहिर की है और सरकार से जवाब मांगा है।

15 कंपनियों में कामकाज 31 वर्षो से बंद
मप्र एमएमआरएल सेमरिया कोल कंपनी लिमिटेड,  मप्र एएमआरएल मोरगा कोल कंपनी लिमिटेड, मप्र एएमआरएल बिछारपुर कोल कंपनी, मरकी बरका कोल कंपनी, जेपी कोल मिमिटेड, मप्र मोनेट माइनिंग कंपनी, मप्र जेपी कोल फील्ड,  एमपी जेपी मिनरल्स, मप्र सैनिक कोल माइनिंग, मप्र सड़क परिवहन निगम एवं महाराष्टÑ मिनरल्स एवं कैमिकल्स लिमिटेड, मप्र पंचायती राज वित्त एवं ग्रामीण विकास निगम, मप्र फिल्म विकास निगम, आॅप्टेल  टेलीकम्युनिकेशन और मप्र विद्युत यंत्र लिमिटेड का परिचालन 31 वर्षों तक बंद रहा।

बिजली कंपनियों का बढ़ रहा कर्ज
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 3249 करोड़, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 4385 करोड़, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 4933 करोड़ और पावर जनरेटिंग कंपनी को 748 करोड़ तथा पावर ट्रांसमिशन कंपनी को 3873 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना बाकी है।

 ये कर्ज पर ब्याज भी नहीं दे पा रहे-
मध्यप्रदेश प्लास्टिक पार्क डेवलपमेंट कारपोरेशन को कर्ज पर 3 करोड़ 89 लाख रुपए का ब्याज देना हो। डीएमआईसी विक्रम उद्योग पुरी लिमिटेड को 53 करोड़ 84 लाख, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी  को 3289 करोड़ और मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को 3 करोड़ 50 लाख रुपए के ब्याज का भुगतान करना बाकी है।

सकल घरेलु उत्पाद का 10.81% कारोबार
राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 31 उपक्रम 41 वर्षो तक निष्क्रिय थे। वर्ष2020-21 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के शेष 39 उपक्रमों ने 99 हजार 211 करोड़ 48 लाख रुपए का कारोबार किया है। यह मध्यण्प्रदेश के सकल घरेलु उत्पाद का 10.81 प्रतिशत था। मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लाजिस्टिम कारपोरेशन ने 242 करोड़ 20 लाख और मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने 192 करोड़ 77 लाख रुपए का लाभ में योगदान किया है।