गांधी जयंती से प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में होगी सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की शुरूआत

रायपुर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में सिकलसेल की जांच एवं उपचार की सुविधा सभी जिला अस्पतालों में आगामी 02 अक्टूबर से शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि आगामी माह से लोगों को सस्ते दर पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी हमर लैब के आस-पास के क्षेत्रों से सैंपल एकत्र किए जाएंगे जिससे लोगों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की सुविधा मिल सके। सिंहदेव आज यहां स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों से सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के संबंध में की जा रही आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, वेलनेस सेंटर, बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को बैठक में सभी अस्पतालों में आने वाले अधिक से अधिक मरीजों को उपचार एवं परामर्श सुविधा उपलब्ध कराने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदीपन, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा तथा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन भी मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कोविड वैक्सीनेशन में उल्लेखनीय योगदान के लिए बीजापुर जिले के उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तीन स्वास्थ्य अधिकारी (त्भ्व्) श्रीमती ज्योति सिदार, श्रीमती नागमणी चिलमुल और रमेश गड्डेम को प्रशस्ति पत्र एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया। इन तीनों स्वास्थ्य योद्धाओं ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए घुटने तक पानी से भरे तीन नदियों को पैदल पार कर ग्राम मारूड़बाका पहुंच लोगों का वैक्सीनेशन किया था।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने भी प्रदेश में टीबी के बढ़ते मामले के मद्देनजर सभी जिलों के साथ तीन जिले कोरबा, जशपुर व जगदलपुर में विशेष रूप से टीबी मरीजों की जाँच हेतु हर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कर टीबी मरीजों की जांच बढ़ाने को कहा। उन्होंने लेप्रोसी मरीजों की पहचान सभी जिलों में गृह भ्रमण कर सुनिश्चित करने करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिवार कल्याण के सभी संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश के सभी सीएचसी स्तर पर विशेष रूप से करने के निर्देश दिए। प्रसन्ना ने सभी जिला अस्पतालों में विशेष रूप से रात के समय जिला अस्पतालों में आईपीडी सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी के कार्यों के साथ ही परिवार कल्याण, लेप्रोसी, पीसीपीएनडीटी एक्ट, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्राथमिक, सामुदायिक, जिला एवं सिविल अस्पतालों के माध्यम से दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं, अस्पतालों में अधोसंरचना विकास, एनएचएम, राष्ट्रीय व्योवृद्ध स्वास्थ्य संरक्षण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कैंसर, हृदयरोग, मधुमेह एवं स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम आदि की समीक्षा की गई।

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