MCD Elections: दिल्ली की लड़ाई कूड़े पर क्यों आई? कांग्रेस का वादा- 100% डोर-टू-डोर कलेक्शन

 नई दिल्ली 

दिल्ली नगर निगम चुनाव के प्रचार का आज आखिरी दिन है। रविवार (4 दिसंबर) को मतदान है। उससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की लड़ाई कूड़े पर आ टिकी है। दिल्ली में कूड़े की समस्या सब पर भारी है। दिल्ली कांग्रेस ने बुधवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए 100% डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का वादा किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आधी कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराने की विशेष योजना, घरेलू कामगारों को वित्तीय मदद देने, पार्षदों के फंड का सोशल ऑडिट कराने और 18 महीने के भीतर लैंडफिल साइटों को समतल करने का वादा किया है। पार्टी पहले ही विजन डॉक्यूमेंट लॉन्च कर चुकी है, जिसमें गरीबों को वाटर प्यूरीफायर देने, प्रॉपर्टी टैक्स घटाकर आधा करने और दलितों के लिए विशेष योजनाओं का वादा किया गया है।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख चौ. अनिल कुमार ने एमसीडी में पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के लिए "संरचनात्मक परिवर्तन" का भी वादा किया और इंस्पेक्टर राज और माफिया नियंत्रण को समाप्त करके नगर निकाय के राजस्व को बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का वादा किया है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "वायु और जल प्रदूषण की जांच करना, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकना, आम घरों में वित्तीय समृद्धि लाना और शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को सुव्यवस्थित करना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।"

गुरुवार को पूर्वी दिल्ली में पदयात्रा करते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ने पिछले 15 वर्षों और 8 वर्षों में दिल्ली के लोगों से झूठे और अधूरे वादे करके केवल धोखा किया है। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है और कूड़े और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। हम दिल्ली को स्वच्छ वातावरण और साफ सुथरा शहर बनाऐंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्लीवालों की हर समस्या का समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली को फिर से चमकती दिल्ली बनाने का संकल्प लिया है, दिल्ली भाजपा-आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार और प्रदूषण मुक्त शासन चाहती है।

बता दें कि जहां बीजेपी भी दिल्ली को कूड़े के ढेर से निजात दिलाने के वादे कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी भी दिल्ली से कूड़े की सफाई पर ही अपना चुनावी अभियान फोकस किए हुए है। हालांकि, पिछले कई सालों से नगर निगम कर्मियों को पैसे आवंटित करने के नाम पर बीजेपी और आप के बीच सियासी खींचतान होती रही है और कई बाक निगम के सफाईकर्मी हड़ताल पर जा चुके हैं।