अयोध्या-काशी की तर्ज पर संवरेगा नैमिषारण्य धाम, बनेगा तीर्थ विकास परिषद, CM होंगे अध्यक्ष

 सीतापुर 

काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और विंध्यवासिनी धाम की तर्ज पर सीतापुर के नैमिष धाम के पुनरोद्धार का रास्ता साफ हो गया है। 88 हजार ऋषियों की पावन तप:स्थली नैमिषारण्य अपनी पौराणिक महत्ता के अनुसार अब विकास की राह से जुड़ने जा रहा है। मंगलवार को ' उत्तर प्रदेश श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधायक 2022' विधान मंडल से पारित हो गया। नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास योजना का विस्तार प्रदेश के सीतापुर और हरदोई जिले की सीमा के भीतर स्थित नैमिषारण्य क्षेत्र में होगा। 

नैमिषारण्य के अधीन क्षेत्र में सीतापुर के छत्तीस गांव शामिल हैं। जिसका कुल क्षेत्रफल 8511.284 हेक्टेयर है। इसमें ग्यारह गंतव्य स्थान शामिल हैं, जिसमें से सात स्थान सीतापुर के अधीन आते हैं। यह कोरोना, जरीगवां, नैमिषारण्य, देवगंवा, मदरूवा, कोलूहता बरेठी और मिश्रीट हैं जबकि चार स्थान जिला हरदोई के अधीन आते हैं, जो हरैया, नगवा कोठावां, गीरधरपुर उमरारी और साक्षी गोपालपुर हैं। इसका सम्पूर्ण परिपथ 209 मील या 84 कोस का है। श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास योजना का उद्देश्य नैमिषारण्य क्षेत्र के विकास के लिये और पर्यटन तथा संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा अध्यात्मिक पर्यटन के लिए सुविधाओं का विकास करना है।
 

यह 36 गांव होंगे शामिल
अर्वापुर, सहसामऊ, ठाकुरनगर, लकैरामऊ बीठौली, नरसीधौली, मधवापुर, नरायनपुर, परसौली, सनजराबाद, घरवासपारा कलां, धरवासपारा, खुर्द, मिश्रीख, सरैयबीबी, जसरायपुर, करमैसपुर, लक्षरपुर, रूपपुर, ऊतरधौना, खरगपुर, कल्ली, लोकनापुर, करखीला, मरैली, तरसवां, लोहगांपुर, बीजगरांट, बीनौरा, भानपुर, अटवा, मनिकापुर, लेखनपुर, लक्ष्मणनगर, नैमिषारण्य, भैरमपुर और अजीजपुर शामिल हैं।

ऐसा होगा 'नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद' का स्वरूप
श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एक निगमित निकाय होगी, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे जबकि पर्यटन मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यपालक उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी। प्रमुख सचिव पर्यटन, आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लोक निर्माण, मंडलायुक्त आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, सीतापुर, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, उत्तर प्रदेश और कार्यपालक अधिकारी, नैमिषारण्य नगर पालिका सदस्य व सह-संयोजक की भूमिका में होंगे। परिषद का एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा, जो राज्य सरकार के विशेष सचिव की श्रेणी या वरिष्ठ अधिकारियों में से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

नियोजन तथा विकास समिति भी होगी
इसके अलावा नैमिषारण्य क्षेत्र के विरासत के संरक्षण का ज्ञान, अनुभव वाले पांच प्रख्यात व्यक्ति राज्य सरकार के परामर्श से अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाएंगे। परिषद के गठन संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद एक नियोजन तथा विकास समिति का गठन भी होगा। नियोजन तथा विकास समिति के अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट, सीतापुर होंगे जबकि मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सदस्य सचिव होंगे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीतापुर, मुख्य विकास अधिकारी, हरदोई, अपर पुलिस अधीक्षक, हरदोई, और कार्यपालक अधिकारी, नैमिषारण्य नगर पालिका शामिल होंगे।