एनसीएलटी ने आरकैप बेचने के लिए कर्जदाताओं को एक और बोली की अनुमति दी

-ऋणदाताओं की एक और नीलामी की याचिका स्वीकार

नई दिल्ली
 अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के कर्जदाताओं को इसे बेचने के लिए नए दौर की बोली आमंत्रित करने का मौका मिल गया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने ऋणदाताओं की एक और नीलामी की याचिका को स्वीकार कर लिया है।

एनसीएलएटी ने  को कहा कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के पास ऊंची बोली के प्रयास करने का अधिकार है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में सीओसी को दो हफ्ते बाद बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति दी है। दरअसल, कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल दिवाला प्रक्रिया में है। समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

न्यायाधिकरण ने यह आदेश विस्ट्रा आईटीसीएल (इंडिया) लिमिटेड की दायर याचिका पर दिया है। विस्ट्रा अनिल अंबानी की प्रवर्तित कंपनी के कर्जदाताओं में से एक है। याचिका में एनसीएलटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें दिवालिया कंपनी के लिए और नीलामी पर रोक लगाई गई थी। आरकैप के मामले में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी।

हालांकि, कंपनी की ऋणदाताओं की समिति ने दूसरा चुनौती तंत्र चलाने का फैसला किया था। उसके बाद हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लि. (आईआईएचएल) ने संशोधित बोली जमा कराई। टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष इसको चुनौती दी थी। इस बीच आईआईएचएल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की है।