भारतीय नौसेना का सर्विलांस एयरक्राफ्ट पहुँचा पी-8I गुआम

वॉशिंगटन

 भारतीय नौसेना, अमेरिका, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर प्रशांत महासागर पर इस समय जिस युद्धाभ्‍यास में बिजी है, उसके बाद चीन का ब्‍लड प्रेशर बढ़ने की पूरी आशंका है। इंडियन नेवी अपने सबसे ताकतवर सर्विलांस एयरक्राफ्ट पी-8I के साथ गुआम में सी ड्रैगन 23 नामक युद्धाभ्‍यास में शामिल हो रही है। 15 मार्च से शुरू हुआ यह युद्धाभ्‍यास 30 मार्च को खत्‍म होगा। इस युद्धाभ्‍यास को अमेरिकी नौसेना की तरफ से आयोजित किया जा रहा है। गुआम में इस एक्‍सरसाइज को अंजाम दिया जाएगा। इस एक्‍सरसाइज में नौसेना सर्विलांस एयरक्राफ्ट की मदद से समंदर के अंदर छिपी चीनी पनडुब्‍बी और दूसरे टारगेट्स को तलाशने का अभ्‍यास करेगी।

गुआम पहुंचा सर्विलांस एयरक्राफ्ट
14 मार्च को भारतीय नौसेना का यह एयरक्राफ्ट गुआम पहुंच गया है। यह एयरक्राफ्ट, आपसी अनुभव के साथ पानी के अंदर डमी और लाइव दोनों तरह के टारगेट्स को खत्‍म करने का अभ्‍यास करेगा। इस अभ्‍यास को सर्विलांस एयरक्राफ्ट की क्षमताओं को परखने वाला अभ्‍यास भी माना जा रहा है। सी ड्रैगन अभ्‍यास में अमेरिका का P-8A, जापान मैरिटाइम सेल्‍फ डिफेंस फोर्स का P1, रॉयल कनैडियन एयर फोर्स का CP 140 और दक्षिण कोरिया से P3C हिस्‍सा लेगा। इस ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाइज को गुआम में अंजाम देने का मकसद ही चीन की कारगुजारियों का पता लगाना है। इस अभ्‍यास के जरिए नौसेना का एयरक्राफ्ट चीनी पनडुब्बियों का शिकार करने का अभ्यास करेगा।

क्‍या है इसकी खासियतें
इंडियन नेवी का P-8I लंबी दूरी का सर्विलांस एयरक्राफ्ट है। यह एयरक्राफ्ट पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान भी है। P-8A Poseidon वह सर्विलांस एयरक्राफ्ट है जिसे अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है। इंडियन नेवी के लिए बोइंग ने इस एयरक्राफ्ट में कुछ बदलाव किए थे। भारतीय नौसेना इसकी पहली अंतरराष्‍ट्रीय ग्राहक थी। इस तरह के 12 एयरक्राफ्ट नौसेना के साथ हैं।

पिछले साल फरवरी में आखिरी विमान भारतीय नौसेना को मिला था। नौसेना इस तरह के कुल 22 विमानों से लैस होना चाहती है। हिंद महासागर पर चीन तेजी से सक्रिय हो रहा है, खासतौर पर उसकी पनडुब्बियों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। ऐसे में उसका मानना है कि सिर्फ यही एयरक्राफ्ट चीन पर लगाम लगाने में सक्षम है।

खतरनाक रडार
P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट AN/APY-10 रडार से लैस है। इसे अमेरिकी कंपनर रेथियॉन ने तैयार किया है। कंपनी का कहना है कि यह सर्विलांस एयरक्राफ्ट समुद्र तटों पर निगरानी करने में काफी ताकतवर है। इस रडार की वजह से समंदर के नीचे की तस्‍वीरें तक ले सकता है। यह रडार बादलों के नीचे भी दुश्‍मन के हर टारगेट पर नजर रख सकता है। इसकी वजह से वह टारगेट के साइज, उसकी स्पीड और उसमें होने वाले बदलावों का भी पूरा विवरण देने में सक्षम है।