मनीष सिसोदिया की रिमांड 5 दिन के लिए बढ़ी

नईदिल्ली

दिल्ली की शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने आप नेता मनीष सिसोदिया की कस्टडी पूरी होने के बाद शुक्रवार को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. ईडी ने सिसोदिया की 7 दिन की हिरासत की मांग की. हालांकि कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड का आदेश सुनाया है. अब सिसोदिया को 22 मार्च की दोपहर में कोर्ट में पेश किया जाएगा.

वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में मनीष सिसोदिया को अपने घरेलू खर्चों के लिए चेक पर हस्ताक्षर करने और जब्त किए गए बैंक खातों के इस्तेमाल की भी अनुमति दे दी है. वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ईडी ने आधारहीन रिमांड ली है. उन्होंने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया के साथ आतंकवादी से भी बदतर सलूक किया जा रहा है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि पूछताछ के नाम पर एजेंसी सिर्फ उन्हें इधर उधर बैठाती है. 7 दिन में सिर्फ 11 घंटे पूछताछ की गई. ED ने कोर्ट में कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. इतना ही नहीं जांच एजेंसी ने कोर्ट में बताया कि मनीष सिसोदिया से CCTV की निगरानी में पूछताछ की जा रही है. अभी दो लोगों को 18, 19 तारीख को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है.

सिसोदिया ने पूछताछ पर उठाए सवाल

उधर, सिसोदिया ने कोर्ट में कहा कि कुछ पूछताछ नहीं की जा रही. मैंने तो इनको कहा है कि रात भर बैठाओ, लेकिन कुछ तो पूछताछ करो. लेकिन ये कुछ करते ही नहीं.

सिसोदिया के वकील ने कहा कि CBI FIR के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ECIR दर्ज किया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की, अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. सिसोदिया के वकील ने ED की रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया किया. सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या ED CBI की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है. वकील ने कहा कि ED को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ, यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ?

मनीष के वकील ने कहा कि ईडी अपनी रिमांड में जो भी पूछना चाहती है, वो पहले ही सीबीआई अपनी रिमांड में पूछ चुकी है. इसमें कुछ नया नहीं है. ये सिर्फ ईडी का रिमांड लेने का तरीका है. ईडी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब दूसरी एजेंसी जांच करती है वो अपने कानून के दायरे में रहकर जांच करती है. उसके जांच के अपने पैमाने और दृष्टिकोण होते हैं.

अभी सीबीआई और ईडी की गिरफ्त में हैं सिसोदिया

दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके कुछ दिन बाद जेल में ही ईडी ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं. उनकी जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई होनी है.

क्या है शराब नीति घोटाला?

दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था. ये भी दावा किया गया था कि इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा. जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस मामले में एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगा था. इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. 6 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया.

 

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