इस्लाम के नाम पर भी पाकिस्तान को नहीं मिली मदद, सऊदी का बिना ब्याज लोन से इनकार

इस्लामाबाद
पाकिस्तान की बदहाली लगातार भयंकर रूप ले रही है और दूसरी तरफ उसे झटके पर झटके मिल रहे हैं। आईएमएफ के सामने इतना गिड़गिड़ाने के बावजूद अब तक उसे बेलआउट पैकेज नहीं मिल पाया है। वहीं जिन इस्लामिक देशों पर वह भरोसा करता रहा है और इस्लाम के नाम पर मदद मांगता रहा है उन्होंने भी बिना ब्याज के कर्ज देने से साफ इनकार कर दिया है। सऊदी अरब ने साफ कहा है कि पहले की तरह अब वह उसे बिना ब्याज के कर्ज नहीं देगा। जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब चाहता है कि पहले पाकिस्तान के लिए आईएमएफ बेलआउट पैकेज मंजूर करे उसके बाद ही उसे कर्ज दिया जाए। दरअसल किसी भी देश को पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रहा है।

'दोस्तों' ने भी दिया धोखा
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा था कि उसके दोस्त देश भी मदद करने से पीछे हट रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वकीलों की कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आज हालात ये हो गए हैं कि अगर हम किसी भी दोस्त देश को फोन भी कर देते हैं उन्हें लगता है कि हम पैसे मांगने जा रहे हैं।

सऊदी अरब पहले करता रहा है बड़ी मदद
बता दें कि सऊदी अरब पाकिस्तान की पहले बहुत मदद करता रहा है। सऊदी अरब पाकिस्तान को कर्ज पर बड़ी मात्रा में तेल उपलब्ध करवाता रहा है। अब ऐसा लगता है कि सऊदी अरब को पाकिस्तान एक बोझ की तरह लगने लगा है। बताते चलें कि हाल ही में आईएमएफ ने श्रीलंका को बड़ा राहत पैकेज दिया है। वहीं पाकिस्तान ने आईएमएफ की कुछ शर्तों को मानते हुए अपनी जनता पर टैक्स का  भारी बोझ डाल दिया। इसके बावजूद अब तक भरोसा कायम नहीं हो पाया है।

पाकिस्तान की क्यों मदद करता था सऊदी अरब
सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद इसलिए करता था क्योंकि पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है। ऐसे में सऊदी को लगता था कि अगर पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाते हैं तो उनसे लड़ने में मदद मिल जाएगी। सऊदी अरब ने परमाणु परीक्षण के बदले कहा था कि वह हर दिन 50 हजार बैरल तेल मुफ्त में देगा। इसके अलावा पाकिस्तान के मजहबी संगठनों की भी फंडिंग सऊदी अरब से होती थी।

पाकिस्तान का राजनीति संकट भी खराब कर रहा हालात
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता भी विश्वास खोने की एक वजह है। पाकिस्तान में शुरुआत से ही लोकतंत्र सिर्फ एक दिखावे के तौर पर रहा है। सरकार में सेना का दखल ज्यादा रहता है। वहीं हाल ही में इमरान खान की सरकार गिरने के बाद जिस तरह से पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की जा रही है., ऐसे में कोई भी पाकिस्तान पर विश्वास नहीं जमा पा रहा है।

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