अमेरिका-भारत के बीच रणनीतिक व्यापार वार्ता

वॉशिंगटन
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक अमेरिकी यात्रा से पहले दोनों देशों ने यहां रणनीतिक व्यापार वार्ता की शुरुआत की है। रणनीतिक व्यापार वार्ता के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में जारी सहयोग की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवहार को साझा करने पर सहमति जताई।

पहली भारत-अमेरिका रणनीतिक व्यापार वार्ता (आईयूएसएसटीडी) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने किया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की सह-अगुवाई एलन एस्टेवेज (अमेरिकी वाणिज्य विभाग में उद्योग और सुरक्षा उपमंत्री) और अमेरिकी विदेश विभाग में राजनीतिक मामलों की उप विदेश मंत्री विक्टोरिया न्यूलैंड ने की।

महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी(आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल के तहत यह वार्ता रणनीतिक और व्यापारिक सहयोग को आगे ले जाने का प्रमुख तंत्र है।

राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा से पहले यह बैठक हुई। मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका यात्रा पर रहेंगे।

यहां भारतीय दूतावास ने बयान में कहा कि बातचीत में उन तरीकों पर विचार किया गया, जिससे दोनों देशों की सरकारें सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष, दूरसंचार, क्वॉन्टम, एआई, रक्षा जैसे प्रौद्योगिकी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के विकास और व्यापार की सुविधा प्रदान कर सकती हैं।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक प्रौद्योगिकी के लिए जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण और विविधता लाने के उद्देश्य से प्रासंगिक द्विपक्षीय निर्यात नियंत्रण नियमनों की समीक्षा की।

 

भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से निर्देशित हैं : अमेरिकी सांसद

 

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध रणनीतिक और वैश्विक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह साझेदारी दोनों पक्षों की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से निर्देशित है।

 

जॉर्जिया के तीसरे कांग्रेस (संसदीय) जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले ड्रियू फर्ग्यूसन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी दुनियाभर में, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

फर्ग्यूसन ने कहा, ''अमेरिका और भारत के संबंध रणनीतिक और वैश्विक हैं। ये संबंध मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से निर्देशित हैं। ये लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति सम्मान के साझा मूल्यों पर आधारित हैं।'' उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपके प्रभावशाली नेतृत्व के लिए आपका आभार और मैं आशा करता हूं कि आपकी यात्रा सार्थक होगी।''

 

वहीं, भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने मंगलवार को कहा कि दोनों देश अपने-अपने मामलों में समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन इनसे निपटने के लिए उनके पास मिलकर काम करने का बेहतर अवसर है।

 

उन्होंने कहा, ''भारत-अमेरिका संबंध कई स्तरों पर बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम दो लोकतंत्र हैं। हमारे संविधान ''हम लोग'' से शुरू होते हैं। ऐतिहासिक रूप से हमारे मूल्य समान हैं और हमारे सामने समान चुनौतियां हैं।''

 

जयपाल ने वाशिंगटन में भारतीय-अमेरिकी इंपैक्ट समिट से इतर 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ''यह स्पष्ट है कि भारत को दुनिया में अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।''

 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए वाशिंगटन आमंत्रित किया है। वह 22 जून को मोदी के सम्मान एक राजकीय रात्रिभोज भी देंगे। मोदी उसी दिन कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे, जिससे वह अमेरिका की संसद को दो बार संबोधित करने वाले तीसरे विश्व नेता बन जाएंगे।

 

वहीं, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रतिष्ठित नेता अजय जैन भूटोरिया ने कहा है कि इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी का प्रमाण है।

 

भूटोरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में बहुत लोकप्रिय हैं, क्योंकि भारत ने उनके नेतृत्व में विकास देखा है।

 

उन्होंने कहा, ''मैं भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हूं। यह यात्रा हमारे दो महान देशों के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी का प्रमाण है। यह परिवार और दोस्ती के गर्मजोशी भरे बंधन की पुष्टि करती है, जो अमेरिका और भारत के लोगों को एकजुट रखते हैं।''

 

भूटोरिया ने कहा कि इस यात्रा का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को मजबूत कर रही है तथा प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, खुले, समृद्ध और सुरक्षित संबंधों के लिए साझा प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रही है।

 

 

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