मुख्यमंत्री चौहान ने दमोह के विद्यालय संचालकों की गंभीर शिकायतों पर दिए जाँच के निर्देश

नियम-कायदों से स्कूल संचालन न करने सहित मिली अन्य गंभीर शिकायतें
जमीनों पर कब्जे, धर्म काँटा, दुकानें, तेंदूपत्ता और कपड़े के कारखाने का किया कारोबार

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह के गंगा-जमुना विद्यालय के संबंध में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को विद्यालय के संबंध में प्राप्त शिकायतों की विस्तृत जाँच के निर्देश दिए हैं। विवादों से घिरे दमोह के विद्यालय संचालकों के बारे में और भी गंभीर शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जाँच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है।

विद्यालय संचालन से जुड़ी शिकायतों के साथ ही बीड़ी कंपनी गंगा-जमना, बीड़ी कम्पनी 352, संभाग एवं प्रदेश स्तर पर तेंदूपत्ता का काम, भोपाल में कपड़ा कारखाने, हार्डवेयर कार्य, रेत खनन, करीब 1800 एकड़ इलाके में भू-माफिया के रूप में सक्रिय, लगभग 300 एकड़ जमीन सिटी के आस-पास पाई गई, पेट्रोल पंप, वृहद स्तर पर जिहादी भू-माफियाओं के लिए फंडिंग डोनेटर और गंगा-जमुना दाल मिल, दाल की सप्लाई सऊदी अरब यूएई और यूनाइटेड नेशन अमीरात होना शामिल है। साथ ही गंगा-जमुना धर्मकांटा भी है और शहर के मुख्य बाईपास में सैकड़ों एकड़ जमीन में दुकान भी है। यही नहीं दिल्ली, भोपाल, जबलपुर, बैंगलुरू और हैदराबाद शहरों में कई फ्लेट ऑफिस और मकान होने की जानकारी मिली है। साथ ही गैर कानूनी तरीके से अन्य जगहों पर राशि शिफ्ट करने का कार्य भी किया। आरोपियों पर भारी मात्रा में केंद्रीय एक्साइज की चोरी की भी शंका है। स्थानीय नागरिकों द्वारा भी विद्यालय प्रबंधन के संबंध में शिकायतें की गई हैं।

इन सब बिन्दुओं सहित विद्यालय की गतिविधियों की विस्तार से जाँच के लिए समिति गठित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह दमोह के गंगा-जमुना विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रबंधन द्वारा अनिवार्य रूप से स्कार्फ और हिजाब का उपयोग करने की शिकायतें सामने आई थी। राज्य सरकार ने इन परिस्थितियों को देखते हुए अलग-अलग आयामों से जाँच के निर्देश दिए हैं।