सत्ता के गलियारो में आज भी बरक़रार है चम्बल की धमक…………

कभी बीहड़ में आतंक का पर्याय बन चुके डाकू मलखान सिंह की गोलियों की तड़तड़ाहट से लोग कांपते थे. मलखान सिंह की पहचान कुख्यात डकैत के रूप में होती हैं. इसी कड़ी में शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने ‘डाकू’ मलखान सिंह धौरहरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले पुलवामा आतंकी हमले से आहत पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने कहा कि एमपी में 700 बागी बचे हैं. अगर सरकार चाहे तो बिना शर्त, बिना वेतन के हम अपने देश के लिए बाॅर्डर पर लड़ने-मरने को तैयार हैं. मलखान सिंह ने कहा कि मैंने 1982 में आत्मसमर्पण किया था. उस वक्त अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे. यह आत्मसमर्पण इंदिरा गांधी की परमिशन पर हुआ था. उन्होंने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, हम राजनीति पेट भरने के लिए नहीं करेंगे. बता दें कि शनिवार को 10 और लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की है. पार्टी ने डॉ. रमेश कुमार ठुकराल को लखनऊ से प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले शिवपाल की पार्टी ने यूपी समेत देश में कुल 50 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार चुकी है. कांग्रेस से गठबंधन न होने के बाद शिवपाल यादव ने पीस पार्टी समेत दूसरे दलों के साथ मिलकर यूपी में चुनाव लड़ने का फैसला किया है

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने डाकू ददुआ के बेटे को खजुराहो लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। अखिलेश यादव के इस दांव से यूपी में सियासत गर्मा गई है।चित्रकूट सदर के पूर्व विधायक ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल सपा के टिकट पर खजुराहो से लोकसभा चुनाव लड़ेंगें। लखनऊ में मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुलाकर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। 2007 में एक मुठभेड़ में डाकू ददुआ के मारे जाने के बाद उसका परिवार सक्रिय राजनीति में आया और छोटे भाई बालकुमार 2009 के लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर सीट से सांसद हुए।

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